Saturday 29 September 2018

Boys' Day Out : हिमाचल यात्रा....... भाग 3.......

Boys' Day Out : हिमाचल यात्रा....... भाग 1 .......
Boys' Day Out : हिमाचल यात्रा....... भाग 2 .......
Boys' Day Out : हिमाचल यात्रा....... भाग 3 .......

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अब तक आपने पढ़ा कि दिल्ली से शुरू हुई मनाली की यात्रा शिमला की तरफ मुड़ गयी। शिमला में एक रात रुकने के बाद हम सोलन जाने के लिए बस में बैठ गए। सोलन की जगह कसौली या चंडीगढ़ या सीधा दिल्ली जाने के कन्फ्यूजन में हमारी बस सोलन से भी आगे निकल गयी। अब आगे.......

Tuesday 25 September 2018

Boys' Day Out : हिमाचल यात्रा....... भाग 2 .......

Boys' Day Out : हिमाचल यात्रा....... भाग 1 .......
Boys' Day Out : हिमाचल यात्रा....... भाग 2 .......
Boys' Day Out : हिमाचल यात्रा....... भाग 3 .......

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अब तक आपने पढ़ा कि हम लोग दिल्ली से मनाली के लिए देर शाम टैक्सी से निकले। घर से निकलते ही गाड़ी में कुछ खराबी लगी लेकिन ड्राइवर से आश्वासन मिलने के बाद हम निश्चिन्त हो गए। रात भर गाड़ी ठीक चली लेकिन सुबह सुबह बिलासपुर से पहले गाड़ी बंद हो गयी और इसके ठीक होने में 2 दिन लगने वाले थे। परिस्तिथियाँ ऐसी बनीं कि हम मनाली की जगह शिमला पहुँच गए। अब अगले दिन का हाल पढ़िए। 

Thursday 20 September 2018

Boys' Day Out : हिमाचल यात्रा....... भाग 1 .......

Boys' Day Out : हिमाचल यात्रा....... भाग 1 .......
Boys' Day Out : हिमाचल यात्रा....... भाग 2 .......
Boys' Day Out : हिमाचल यात्रा....... भाग 3 .......


   सितम्बर का महीना था। मानसून ख़त्म हो चुका था। मौसम से तल्ख़ गर्मी गायब हो रही थी। काफी दिनों से दिल्ली से बाहर जाना नहीं हुआ था इसलिए कहीं घूमने जाने की तीव्र इच्छा थी। बहुत से दोस्तों से इस बारे में बात हुई लेकिन सभी व्यस्त थे। ऐसे में हमारे अति घुमन्तु मित्र मुकुल जी याद आये। मुकुल मेरे पूर्व सहकर्मी और बहुत घनिष्ठ मित्र हैं। ये जनाब स्कूल के दिनों में NCC में रह चुके हैं, इनकी फाइटिंग स्प्रिट गजब की है और किसी भी हालत में जल्दी से हार नहीं मानते। घुमक्कड़ ऐसे कि महीने के कम से कम 2 वीकेंड ये दिल्ली से बाहर ही रहते थे। मुकुल से बात की और वो तुरंत तैयार हो गए। कहाँ जाना है इस पर ज्यादा चर्चा नहीं हुई और मनाली का कार्यक्रम फाइनल हो गया। दोनों ने अपने अपने ऑफिस से छुट्टी अप्रूव करा ली। कार्यक्रम तय हुआ कि गुरुवार रात को टैक्सी से निकलेंगे और अगले दिन दोपहर तक मनाली पहुंचेगे। वहां से रविवार दोपहर को निकल सोमवार सुबह सुबह वापस दिल्ली पहुंचेगे। लेकिन हर प्लान की हुई बात पूरी होती तो किशोर कुमार जी गाना न गाते - "जाना था जापान, पहुँच गए चीन, समझ गए न !"

Wednesday 19 September 2018

मानसून में उत्तराखंड यात्रा... भाग 3....

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अब तक आपने पढ़ा कि पिछले दो दिनों में देहरादून के अधिकतर टूरिस्ट स्पॉट देख लिए गए, मशहूर व्यंजन भी चख लिए गए और थोड़ी बहुत खरीदारी भी हो गयी थी । पहाड़ों पर वर्षा ऋतु भी थोड़ा पहले आ जाती है इसलिए दोनों दिन मौसम सुहाना रहा। 

अगले दिन सो कर उठे तो तेज बारिश हो रही थी। एक बार तो लगा कि आज का दिन बेकार हो जायेगा। सब तैयार हुए, नाश्ता हुआ और पैकिंग कर चेकआउट की तैयारी भी हो गयी। 9 बजे होटल से बाहर निकले, गाड़ी में सामान रखा और चलने के लिए तैयार हुए। आज के प्रोग्राम में देहरादून का वन अनुसन्धान संस्थान (FRI)

Monday 17 September 2018

मानसून में उत्तराखंड यात्रा... भाग 2....

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 अभी तक आपने पढ़ा कि कैसे हम रूड़की से सीधा आने की बजाय हरिद्वार और ऋषिकेश होते हुए देहरादून पहुंचे। अभी तक हमारी कुल ड्राइविंग 275 किलोमीटर से ज्यादा हो चुकी थी और ड्राइविंग का समय भी 7 घंटे (बीच में रुकने, खाने का समय अलग) तक पहुँच चुका था। सुबह 6 बजे चले थे और अब दोपहर के 3:30 हो रहे थे।

होटल पहुँच कर चेक इन किया, रिसेप्शनिस्ट को मसूरी व्यू रूम देने की गुजारिश की जो कि मान भी ली गयी। कमरे में आते ही सब ढेर हो गए। आँख खुली तो शाम के 5:30 बज चुके थे और हम एक घंटे से ज्यादा सो चुके थे। बच्चों को भी जगाया। चाय पी कर और फ्रेश हो कर सब तैयार हुए। नीचे आ कर गाड़ी ली और चल पड़े देहरादून के इवनिंग स्पॉट राजपुर रोड की तरफ। वहां जाने का मुख्य रास्ता सहारनपुर चौक, रेलवे स्टेशन और प्रिंस चौक हो कर जाता है लेकिन शाम की वजह से ट्रैफिक बहुत होना था। इसलिए हम

Monday 10 September 2018

मानसून में उत्तराखंड यात्रा... भाग 1....

वर्षा ऋतु आते ही प्रकृति जैसे झूम उठती है। धुले धुले वातावरण, चारों तरफ हरियाली और सुहाने मौसम के कारण वर्षा ऋतु का इंतजार सबको बेसब्री से रहता है, खासकर तब जब 3 महीने की तपती गर्मियों के बाद बारिशों का आना किसी सुकून से काम नहीं होता है। इस मौसम में पहाड़ों की सुंदरता और भी बढ़ जाती है। इन गर्मियों में हमने सपरिवार देहरादून जाने का कार्यक्रम बनाया। गर्मियों की छुट्टियों की वजह से ट्रैन में टिकट मिलना मुश्किल था तो अपनी गाड़ी से जाना ही तय रहा। हमेशा की तरह सप्ताहांत की बजाय सप्ताह के बीच के दिनों का प्रोग्राम रखा ताकि भीड़ भाड़ कुछ काम मिले। बेटे की छुट्टियां तो चल ही रहीं थी। मेरी छुट्टियां अप्रूव होने में भी कोई दिक्कत नहीं आयी। 

निश्चित दिन पर, जो कि बुधवार था, सुबह ६ बजे हम चारों (मैं, पत्नी, बेटा और बेटी) घर से निकल पड़े। गाड़ी में टैंकफुल पेट्रोल और टायरों में हवा, मैं एक दिन पहले ही डलवा चुका था। पीने का पानी, हल्का फुल्का स्नैक्स और

Monday 3 September 2018

फॅमिली ट्रिप - चंडीगढ़ ....भाग 2...

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अगली सुबह सो कर उठे तो 7 बज चुके थे। दिल्ली जैसे महानगर में सुबह भी भाग दौड़ भरी होतीं हैं लेकिन यहाँ सड़के लगभग खाली थीं। शायद रविवार होने की वजह से भी ट्रैफिक न के बराबर था। क्योंकि हमने पिछले दिन में ही 3 जगह घूम ली थीं, इसलिए आज का प्रोग्राम काफी रिलैक्स था। 

तैयार हो कर नीचे रेस्टोरेंट में ब्रेकफास्ट करने पहुंचे तो देखा कि रेस्टोरेंट बिलकुल खाली था। क्यूंकि यह होटल एक बिज़नेस होटल है इसलिए रविवार होने की वजह से होटल के काफी कमरे खाली थे। बच्चों ने भी आराम से नाश्ता किया और बुफे की लगभग हर शाकाहारी डिश try की। वापस रूम में आ कर सामान समेटा, पैकिंग की और नीचे आ कर बिल पे किया। सामान गाड़ी में रख जब पार्किंग से निकले तो 10 बज चुके थे। गर्मी की वजह से रॉक गार्डन जाना कैंसिल ही कर चुके थे तो सबसे पहले सेक्टर 22 की शास्त्री मार्किट पहुंचे