Saturday 25 August 2018

फॅमिली ट्रिप - चंडीगढ़ ....भाग 1...

जनवरी के महीने का अंत था और हम बिटिया का तीसरा जन्मदिन मना चुके थे। और बिटिया ने उपहार में माँगा था एक vacation जो कि जोधपुर, चंडीगढ़ या फिर जयपुर में ही होना चाहिए था।

जी हाँ चौंकिए मत, जब पापा की टूरिंग जॉब हो और वो टूर से वापस आ कर वहां की कहानियां बच्चों को सुनाएँ तो बच्चे बचपन से ही घुमक्कड़ हो जाते हैं। मैंने भी अपने दोनों बच्चों को इतनी कहानियां सुनाईं हैं कि ये दोनों भी बेसब्री से घूमने का इंतजार करते रहते हैं। दोनों यानि की बेटा जो की 8 साल का है और बेटी जो अब 3 साल की है।

खैर, बिटिया को उपहार देना ही था तो जगह चुनी गयी चंडीगढ़ और समय चुना गया मार्च का अंतिम हफ्ता। इस समय तक बेटे की वार्षिक परीक्षाएं भी समाप्त हो गयी होंगी और मौसम भी अच्छा रहेगा, न ठंडा और न ही गरम। हम सभी इस यात्रा का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे और बच्चों का उत्साह चरम पर था। हर रात सोने से पहले ट्रिप की प्लानिंग होती थी और बच्चों की उत्सुकता दिन पर दिन बढ़ती ही जा रही थी।


Monday 6 August 2018

अहमदाबाद में 2 दिन....भाग 2....

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अब आगे।  

अगली सुबह आँख खुली तो बारिश बंद हो चुकी थी, लेकिन सड़कें गीली थीं।  इसका मतलब कल रात काफी बारिश हुई थी। लेकिन अहमदाबाद की सड़कों पर न तो पानी जमा था न ही आम जनजीवन पर कुछ खास असर था।  आसमान में अभी भी काले बादल छाये हुए थे और दिन में भी बारिश होने का अंदेशा था। लेकिन मुझे कोई चिंता नहीं थी क्योंकि मेरा अधिकतर कार्य कल ही ख़त्म हो चुका था और आज सिर्फ एक कस्टमर को मिलना था। वैसे भी मेरी वापसी की ट्रैन शाम 6 बजे के पास थी। 

सुहानी सुबह 

Sunday 5 August 2018

अहमदाबाद में 2 दिन....भाग 1....

दोस्तों, आप सभी का मेरे ब्लॉग पर हार्दिक स्वागत है। आज मैं अपनी अहमदाबाद यात्रा का वृतांत लिख रहा हूँ । यह २ दिन की यात्रा सुहाने मौसम और हलकी हलकी फुहारों के वजह से और भी शानदार रही।वैसे तो भारत देश कर हर शहर अपने खाने पीने के लिए मशहूर है परन्तु कुछ खास शहर ऐसे हैं जहाँ खाने की इतनी विविधताएँ हैं कि आपका टाइम कम पड़ जाये पर आप खाने की वैरायटी को पूरी तरह से एक्स्प्लोर ही नहीं कर पाते हैं।अहमदाबाद भी ऐसा ही एक शहर है। 

जुलाई 2018 के दुसरे हफ्ते में अहमदाबाद जाने का कार्यक्रम बना और झटपट दोनों तरफ की ट्रैन टिकट बुक करा डाली । दोनों ही तरफ की टिकट राजधानी एक्सप्रेस के 3rd AC कोच में बुक हुई। क्यूंकि ये सफर सिर्फ १३ घंटो का है इसलिए आप आराम से रात भर सोते सोते अपनी यात्रा कर सकते हैं । राजधानी एक्सप्रेस शाम 7:55 पर नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नो. १ से चलती है। मैं शाम को 6:30 बजे घर से कैब से निकला। शाम का समय होने के कारण सड़कों पर काफी जाम था। तक़रीबन साढ़े सात बजे मैं स्टेशन पहुँच गया। देखा तो ट्रैन अभी प्लेटफार्म पर नहीं आयी थी। यात्रीगण अपने अपने सामान के साथ प्लेटफार्म पर ट्रैन के आने का इंतजार कर रहे थे। IRCTC स्टाफ के मेंबर्स ट्रैन के भोजन को बड़ी बड़ी क्रेटस में डाल कर निश्चित जगह पर बैठे थे ताकि ट्रैन आते ही भोजन डब्बे में चढ़ाया जा सके।