श्रीलंका ट्रिप, भाग 1.... दिल्ली से कोलंबो तक..
साल 2017 का अंत आते आते मैं अपनी जॉब से इस्तीफ़ा दे चुका था। यहाँ मेरा कार्यकाल सिर्फ 6 माह का रहा। शायद ये मैनेजमेंट और मैं, एक दुसरे के लिए नहीं थे। इसलिए तालमेल बैठने में बहुत दिक्कत हुई।
साल 2017 का अंत आते आते मैं अपनी जॉब से इस्तीफ़ा दे चुका था। यहाँ मेरा कार्यकाल सिर्फ 6 माह का रहा। शायद ये मैनेजमेंट और मैं, एक दुसरे के लिए नहीं थे। इसलिए तालमेल बैठने में बहुत दिक्कत हुई।
दिसंबर 2017 में मेरे पास एक अमेरिकन कंपनी का ऑफर था। कंपनी एशिया में अपना कारोबार फैलाना चाहती थी और भारतीय उपमहाद्वीप के लिए उन्होंने मुझे अपने प्रथम एम्प्लोयी के तौर पर चुना। मेरे लिए इतनी बड़ी टेरिटरी सँभालने का यह पहला अवसर था। बड़ी टेरिटरी यानि ज्यादा अवसर, भिन्न भिन्न संस्कृति के लोगों से मिलना, ज्यादा जगह घूमना और अलग अलग तरह के व्यंजन चखना। यानि ज्यादा घुमक्कड़ी।
मैंने ये ऑफर स्वीकार किया और 2018 की जनवरी में नयी जिम्मेदारी संभाल ली। पहले 2 महीने इंडक्शन, ट्रेनिंग और बाकी सब औपचारिकताओं में निकल गए। इस बीच, मैं भारत के कुछ राज्यों का ट्रिप भी कर चुका था। अब भारत से बाहर जाने की तैयारी थी।
मार्च के पहले हफ्ते में कोलंबो जाने का प्रोग्राम बना।
हालाँकि मैं पहले भी 2 बार officialy श्रीलंका जा चुका था लेकिन तब सारी व्यवस्थाएं कंपनी ने करवा कर दी थीं। इस बार सभी प्लानिंग खुद करनी थी।
हालाँकि मैं पहले भी 2 बार officialy श्रीलंका जा चुका था लेकिन तब सारी व्यवस्थाएं कंपनी ने करवा कर दी थीं। इस बार सभी प्लानिंग खुद करनी थी।
हवाई टिकट
नयी दिल्ली से कोलंबो के लिए दिन में 3 सीधी उड़ान हैं। इनमें 1 उड़ान एयर इंडिया की है जो दोपहर 12:30 पर नयी दिल्ली से उड़ कर 4 बजे कोलंबो के बंडारनायके एयरपोर्ट पर लैंड करती है। बाकी 2 उड़ानें श्रीलंकन एयरलाइन्स की हैं जिनमें एक सुबह 5 बजे, जबकि दूसरी देर रात 12:15 पर दिल्ली से उड़ती है। इन दोनों उड़ानों का समय भी लगभग 3.30 घंटे ही है। आजकल दूसरी उड़ान का समय बदल शाम 6:30 कर दिया गया है जो कि ज्यादा व्यावहारिक भी है। वर्ना सिर्फ 3 घंटे के लिए पूरी रात जागरण हो जाता था।
कोलंबो से नयी दिल्ली के लिए भी 3 सीधी उड़ाने थीं। सुबह 8:20 पर एयर इंडिया की उड़ान हैं। श्रीलंकन एयरलाइन्स की 2 उड़ानें दोपहर 2 बजे और देर रात 12.30 पर हैं।
अगर एक ही एयरलाइन्स से आने जाने का टिकट लो तो दोनों तरफ का किराया लगभग रुपये 16000 से 25000 के बीच में मिलता हैं।
इसके अलावा बहुत सी 1 स्टॉप उड़ानें भी हैं जो वाया मुंबई, चेन्नई या बैंगलोर हो कर हैं। इन उड़ानों में लगभग 12000 रुपये में दोनों तरफ का टिकट मिल जाता हैं। हालाँकि ऐसे यात्रा में मिड स्टॉप एयरपोर्ट पर काफी वेटिंग टाइम भी है। इसलिए यात्रा का समय 7 घंटे से लेकर 10 घंटे तक हो जाता है।
मैंने अपनी दोनों तरफ की टिकट एयर इंडिया में की जिसमें लगभग 17000 रुपये का खर्चा आया।
वीज़ा
अगला काम वीज़ा का इंतजाम था। श्रीलंका में On-Arrival टूरिस्ट वीज़ा भी मिलता है लेकिन मेरी यात्रा बिज़नेस ट्रिप थी और बिजेनस ट्रिप के लिए ऑनलाइन वीज़ा लेना पड़ता है। भारतीय नागरिकों के लिए बिज़नेस वीज़ा की फीस 30 अमेरिकन डॉलर थी। जबकि टूरिस्ट वीज़ा की फीस 20 अमेरिकन डॉलर है।
बाद में जब मैंने कोलंबो एयरपोर्ट पहुंच पता किया तो मालूम हुआ कि On-Arrival टूरिस्ट वीज़ा की फीस 25 अमेरिकन डॉलर है और यहाँ आपको सिर्फ अमेरिकन डॉलर में ही पेमेंट करना पड़ता है। इसके अलावा क्रेडिट कार्ड से पेमेंट का भी ऑप्शन होता है। लेकिन आप भारतीय या श्रीलंकन मुद्रा में पेमेंट नहीं कर सकते। इसलिए ये बेहतर ही रहता है कि जाने से पहले ही वीज़ा ले लिया जाये।
मैंने वीज़ा के लिए श्रीलंका सरकार की वेबसाइट http://www.eta.gov.lk पर जा कर अप्लाई कर दिया। अप्लाई करने में सिर्फ 5 मिनट का समय लगा और अप्लाई बटन दबाते ही उनका acknowledgement ईमेल भी आ गया। अगले 15 मिनट में मेरे पास वीज़ा एप्लीकेशन की स्वीकृति का ईमेल भी आ गया। यानि मुझे वीज़ा मिल गया था। अब मुझे सिर्फ इतना करना था कि इस ईमेल का प्रिंटआउट अपने पासपोर्ट के साथ याद से रख लेना था।
होटल
श्रीलंका एक बहुत ही खूबसूरत देश है। यहाँ की सुंदरता लगभग अनछुई है। जहाँ बहुत से सुन्दर बीच जैसे गॉल, बेनटोटा, डिकवेला इत्यादि हैं, वहीँ कैंडी जैसा खूबसूरत हिल स्टेशन भी हैं। 2009 में LTTE से युद्ध के अंत के बाद श्रीलंका सरकार ने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बहुत से कदम उठाये हैं। इसलिए यहाँ हर बजट के होटलों की भरमार हैं।
कोलंबो में भी बहुत से होटल हैं और आप अपनी सुविधा के अनुसार शहर में या समुद्र तट के पास कोई होटल चुन सकते हैं। मैंने गॉल फेस बीच के पास होटल Ramada में अपनी बुकिंग करवाई। ट्रिप से पहले होटल बुक करना इसलिए भी जरूरी था क्योंकि वीज़ा एप्लीकेशन फॉर्म में श्रीलंका में रहने का पता भी देना था। इसलिए बुकिंग ऑनलाइन ही करा ली गयी।
करेंसी एक्सचेंज
1 भारतीय रुपया (INR) = 2.4 श्रीलंकन रूपया (LKR )
वैसे तो आजकल डिजिटल पेमेंट का युग है और श्रीलंका में भी डिजिटल पेमेंट की सुविधा अधिकतर जगह उपलब्ध है लेकिन फिर भी किसी दूसरे देश में जाने के लिए कुछ करेंसी ले जाना ठीक रहता है। अमेरिकन डॉलर एक सर्वमान्य मुद्रा है। किन्तु डॉलर ले जाने का सबसे बड़ा नुकसान ये है कि जितनी भी बार डॉलर खरीदो या बेचो, एजेंट को लगभग 5% कमीशन देना पड़ता है।
वैसे तो आजकल डिजिटल पेमेंट का युग है और श्रीलंका में भी डिजिटल पेमेंट की सुविधा अधिकतर जगह उपलब्ध है लेकिन फिर भी किसी दूसरे देश में जाने के लिए कुछ करेंसी ले जाना ठीक रहता है। अमेरिकन डॉलर एक सर्वमान्य मुद्रा है। किन्तु डॉलर ले जाने का सबसे बड़ा नुकसान ये है कि जितनी भी बार डॉलर खरीदो या बेचो, एजेंट को लगभग 5% कमीशन देना पड़ता है।
इसका मतलब कि अगर मैं भारत में 10000 रुपये के डॉलर खरीदूँ तो खरीदे गए डॉलर की वास्तविक कीमत लगभग 9500 रुपये ही होगी। फिर इसी डॉलर को कोलम्बो जा कर श्रीलंकन रुपये में बदलवाऊं तो मिलने वाली करेंसी की कुल कीमत लगभग 9200 भारतीय रुपये ही होती।
इसलिए मैंने करेंसी एक्सचेंज न करना ही ठीक समझा। वैसे भी मेरे पास क्रेडिट कार्ड था ही। लेकिन श्रीलंका में मेरा यह निर्णय गलत भी साबित हुआ। आखिर मुझे एटीएम से श्रीलंकन रुपये निकलने पड़े और इसमें भी बैंक ने भारी कन्वर्जन फीस लगायी। हालाँकि निकली गयी रकम ज्यादा नहीं थी इसलिए कुल नुक्सान कम ही रहा। इसलिए बेहतर है कि कुछ करेंसी जरूर ले जानी चाहिए।
बाद में मुझे कोलंबो में पता चला कि यहाँ कहीं कहीं भारतीय मुद्रा भी चल जाती है। शायद बहुत से लोग व्यापार के लिए भारत आते होंगे और इस मुद्रा का प्रयोग भारत में करते होंगे। लेकिन फिर भी यहाँ भारतीय मुद्रा का प्रचलन उतना नहीं है जितना कि नेपाल में हैं।
अब तीनों मुख्य चीजों - टिकट, वीज़ा और होटल, का इंतजाम हो चुका था। करेंसी मुझे लेनी ही नहीं थी। श्रीलंका का मौसम लगभग भारत जैसा ही है। अंतर सिर्फ इतना है कि समुद्र के बिलकुल पास होने की वजह से यहाँ बारिश बहुत होती है और ठण्ड बिलकुल कम होती है। हमारे और श्रीलंका के समय में भी कोई अंतर नहीं है।
आखिर यात्रा का दिन आ ही गया। मेरे पास एक हैंडबैग और एक बड़ा बैग था। एक दिन पहले पैकिंग हुई थी। सबसे पहले पासपोर्ट और वीज़ा फॉर्म का प्रिंटआउट बैग में रखा था। सारी टिकट्स और होटल बुकिंग वाउचर्स मोबाइल में ईमेल में थे। इन सब का स्क्रीन शॉट भी ले लिया था। फिर भी अगर मोबाइल में कुछ प्रॉब्लम हो जाये तो लैपटॉप में भी सभी ईमेल सेव कर लिए थे। यानि बैकअप का भी बैकअप ले लिया था।
फ्लाइट सुबह 12:30 पर थी। सुबह सुबह अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर भारी भीड़ होती है। इसलिए मैंने एयरलाइन के सुझाव को मानते हुये 3 घंटे पहले एयरपोर्ट पहुँचने का निर्णय किया। मैं पहले ही वेब-चेक-इन कर चुका था। इसलिए एयरपोर्ट जा कर सिर्फ अपना बैग चेक इन के लिए देना था।
मैं सुबह 7:30 पर घर से एयरपोर्ट के लिए टैक्सी से निकला। एयरपोर्ट पहुँचने में 2 घंटे लग गए। 9:30 पर एयरपोर्ट के इंटरनेशनल डिपार्चर गेट्स पर उतरा। टर्मिनल में अंदर जा कर अपना लगेज चेक इन करा दिया और बोर्डिंग पास ले लिया। सीट मैं पहले ही रिज़र्व कर चुका था। मुझे aisle सीट पर यात्रा करना ही ज्यादा सही लगता है। इस बार भी मेरी सीट aisle ही थी।
इसके बाद इमीग्रेशन हुआ। यहाँ मेरा वीज़ा फॉर्म भी तैयार था। ज्यादा पूछताछ नहीं हुई और पासपोर्ट पर स्टैम्प लग गयी। इसके बाद सिक्योरिटी चेक हुआ।
तीनों ही जगह बहुत लम्बी लाइन थी और तीनों स्टेप्स में कुल 1 घंटे से भी ज्यादा समय लग गया। सिक्योरिटी चेक से पार हुआ तो 11 बज चुके थे। यानि अभी भी डेढ़ घंटे का समय बचा था।
इसके बाद ड्यूटी फ्री शॉप्स को पार किया। सुबह सुबह भी यहाँ खूब भीड़ थी और सबसे ज्यादा खरीदे जाने वाली वस्तु वही थी। इसके बाद और भी बहुत सी शॉप्स थीं। लेकिन ज्यादातर में ग्राहक नहीं थे।
मुझे भूख लग रही थी। सुबह 7 बजे हल्का नाश्ता ही किया था। देखा कि ऊपर पहली मंजिल पर फ़ूड कोर्ट था। ऊपर पहुंचा तो ज्यादातर आउटलेट्स फ़ास्ट (जंक) फ़ूड के थे, जो मैं खाना नहीं चाहता था। आगे बढ़ा तो वांगो का भी आउटलेट था। यहाँ फ़िल्टर कॉफ़ी और इडली की प्लेट ली। एयरपोर्ट था तो थोड़ा महंगा तो था ही।
इसके बाद घूमते घामते गेट तक पहुँच गया। बोर्डिंग में अभी समय था। इसलिए वहीँ बैठ इंतजार करने लगा। तभी याद आया कि फ़ोन पर इंटरनेशनल रोमिंग इनकमिंग भी एक्टिवेट करनी थी। एयरटेल कस्टमर केयर फ़ोन कर बात हुई। 149 रुपये के रेंटल पर रोमिंग एक्टिवेट हो गयी। जो भी कॉल करो या इंटरनेट इस्तेमाल करो, उसके पैसे अलग थे।
बोर्डिंग की घोषणा हुई और सब यात्री ऐरोब्रिज से हवाई जहाज की ओर चल पड़े। अपनी सीट पर पहुंचा, बैग ऊपर बने सामान कक्ष में रखा और बैठ गए। बोर्डिंग पूरी होने में भी 30 मिनट लगे। 12:45 तक पुश बैक हो गया। यानि फ्लाइट समय पर ही उड़ेगी। रनवे तक पहुंचे, फ्लाइट ने गति पकड़ी और टेकऑफ हो गया। शुरुआती मामूली झटकों के बाद हवाई जहाज आराम से उड़ने लगा। यह एयरबस 321 एयरक्राफ्ट था और काफी अच्छी स्थिति में था। हालाँकि इन फ्लाइट मनोरंजन के लिए कुछ नहीं था।
थोड़ी देर में खाना परोसा गया। एयर इंडिया में और कुछ हो न हो लेकिन खाना तो बढ़िया ही मिलता है। खाना खा कर मैं लैपटॉप में मूवी देखने लगा। विमान भोपाल, हैदराबाद, चेन्नई के ऊपर से उड़ता हुआ कोलंबो पहुंचा और ठीक 4 बजे लैंड हो गया।
जहाज से निकल टर्मिनल में आये। सामने वीज़ा ऑन अराइवल का काउंटर था और यहाँ काफी भीड़ थी। मैं सीधा इमीग्रेशन की तरफ बढ़ चला। इमिग्रेशन से पास हुए तो ड्यूटी फ्री एरिया आ गया। मुझे यहाँ से कुछ लेना नहीं था। मैं सीधा लगेज बेल्ट पहुंचा और अपने बैग का इंतजार करने लगा। थोड़ी देर में बैग आया।
स्थानीय सिम कार्ड
बैग ले एयरपोर्ट से बाहर आया तो एग्जिट गेट से थोड़ा पहले मनी एक्सचेंज, लोकल सिम कार्ड और प्रीपेड टैक्सी बूथ थे। मुझे एक लोकल सिम चाहिए ही था। यहाँ Mobitel, Dialog और Airtel के ऑप्शन थे।
सीधा Mobitel के काउंटर पर पहुंचा और रेंटल की जानकारी ली। 2 ऑप्शन के कार्ड उपलब्ध थे। पहला 500 LKR में और दूसरा 1000 LKR में। दुसरे ऑप्शन में इंटरनेट डाटा ज्यादा था। मुझे इतना डाटा नहीं चाहिए था इसलिए मैंने 500 वाला सिम ही लिया। काउंटर पर मेरे पासपोर्ट की फोटोकॉपी ली गयी और सिम मेरे मोबाइल में डाल दिया गया। 5 मिनट में ये सिम चालू भी हो गया।
यहाँ डबल सिम मोबाइल का फायदा मिला। मेरा दिल्ली का नंबर और श्रीलंका का नंबर दोनों एक ही फ़ोन में साथ साथ चल रहे थे। वर्ना मुझे 2 मोबाइल लेने पड़ते। वैसे तो मैं दिल्ली नंबर पर कोई इनकमिंग या आउटगोइंग कॉल करने नहीं वाला था, फिर भी फ़ोन चलता रहे तो इनकमिंग कॉल का मालूम रहता है।
श्रीलंका सिम से भारत कॉल करना भी बहुत सस्ता था। शायद सिर्फ 3 LKR प्रति मिनट। इसलिए भारत के नंबर पर आये हर इनकमिंग कॉल को काट, मैंने उन्हें अपने श्रीलंका नंबर से वापस कॉल किया। यह तरीका ज्यादा सस्ता पड़ा।
इसके आलावा होटल और ज्यादातर रेस्टोरेंट्स में वाईफाई की सुविधा भी थी।
एयरपोर्ट टैक्सी
कोलंबो का एयरपोर्ट कोलंबो में न हो कर लगभग 35 किलोमीटर दूर निगोम्बो में है। यहाँ से कोलंबो जाने के लिए एयरपोर्ट से प्रीपेड टैक्सी ले सकते हैं। किराया लगभग 3000 LKR तक आता है। दूसरा ऑप्शन ऊबर टैक्सी का है। मैनें ऊबर App पर देखा तो किराया 2500 LKR था । इसलिए मैंने ऊबर ही बुक कर ली। टैक्सी 5 मिनट में ही एयरपोर्ट के गेट पर आ गयी। सामान रख गाड़ी में बैठा और चल पड़ा होटल ही तरफ। 5 भी बज गए थे।
एक्सप्रेस रोड
निगोम्बो से कोलंबो जाने के लिए एक नया एक्सप्रेस वे बनाया गया है। यह सड़क 4 लेन टोल रोड है और समुद्र तट के साथ साथ बनी है। टोल चार्जेस 300 LKR हैं। रोड बढ़िया है और लगभग 30 किलोमीटर का सफर 15 - 20 मिनट में ही पूरा हो जाता है। दोनों तरफ शानदार नज़ारे दिखते हैं। जहाँ दायीं तरफ समुद्र तो बायीं तरफ घनी हरियाली और नारियल के पेड़ थे।
इस बढ़िया सफर में समय का पता ही नहीं चला और हम टोल रोड पार कर मुख्य कोलंबो शहर में आ गए थे। शाम के समय यहाँ भी भरपूर ट्रैफिक था। गाड़ियाँ बहुत ही धीरे धीरे चल रहीं थीं। हालाँकि जाम जैसी स्थिति नहीं थी। सड़के शानदार और चौड़ी थीं।
अगर एयरपोर्ट से कोलंबो के स्टार्ट पॉइंट तक के 30 किलोमीटर के सफर में 30 मिनट लगे तो यहाँ से होटल पहुँचने के 6 किलोमीटर के सफर में भी 30 ही मिनट लगे थे। ये सब शाम के ट्रैफिक की महिमा थी।
होटल पहुँच गाड़ी से उतरा। टैक्सी की पेमेंट ऑनलाइन हो चुकी थी। देखा तो बिल 2500 ही आया था और इसमें टोल के 300 रुपये भी शामिल थे। यानि ऊबर की यात्रा एयरपोर्ट प्रीपेड टैक्सी से 800 LKR कम में हुई थी।
यहाँ ध्यान देने की बात ये है कि जब मैं एयरपोर्ट से चला तो ड्राइवर ने मुझे पूछा कि क्या एक्सप्रेसवे से चलें। मैंने ये मानकर हाँ बोला कि मुझे टोल के पैसे अलग से देने पड़ेंगे। लेकिन ऊबर में टोल चार्ज लगा कर ही एस्टीमेट बताया गया था।
होटल पहुँच चेक इन किया और रूम में पहुँच कर फ्रेश हुआ। कॉफ़ी पी और शाम के प्रोग्राम के बारे में सोचने लगा।
क्रमशः
मैं सुबह 7:30 पर घर से एयरपोर्ट के लिए टैक्सी से निकला। एयरपोर्ट पहुँचने में 2 घंटे लग गए। 9:30 पर एयरपोर्ट के इंटरनेशनल डिपार्चर गेट्स पर उतरा। टर्मिनल में अंदर जा कर अपना लगेज चेक इन करा दिया और बोर्डिंग पास ले लिया। सीट मैं पहले ही रिज़र्व कर चुका था। मुझे aisle सीट पर यात्रा करना ही ज्यादा सही लगता है। इस बार भी मेरी सीट aisle ही थी।
इसके बाद इमीग्रेशन हुआ। यहाँ मेरा वीज़ा फॉर्म भी तैयार था। ज्यादा पूछताछ नहीं हुई और पासपोर्ट पर स्टैम्प लग गयी। इसके बाद सिक्योरिटी चेक हुआ।
तीनों ही जगह बहुत लम्बी लाइन थी और तीनों स्टेप्स में कुल 1 घंटे से भी ज्यादा समय लग गया। सिक्योरिटी चेक से पार हुआ तो 11 बज चुके थे। यानि अभी भी डेढ़ घंटे का समय बचा था।
इसके बाद ड्यूटी फ्री शॉप्स को पार किया। सुबह सुबह भी यहाँ खूब भीड़ थी और सबसे ज्यादा खरीदे जाने वाली वस्तु वही थी। इसके बाद और भी बहुत सी शॉप्स थीं। लेकिन ज्यादातर में ग्राहक नहीं थे।
मुझे भूख लग रही थी। सुबह 7 बजे हल्का नाश्ता ही किया था। देखा कि ऊपर पहली मंजिल पर फ़ूड कोर्ट था। ऊपर पहुंचा तो ज्यादातर आउटलेट्स फ़ास्ट (जंक) फ़ूड के थे, जो मैं खाना नहीं चाहता था। आगे बढ़ा तो वांगो का भी आउटलेट था। यहाँ फ़िल्टर कॉफ़ी और इडली की प्लेट ली। एयरपोर्ट था तो थोड़ा महंगा तो था ही।
इसके बाद घूमते घामते गेट तक पहुँच गया। बोर्डिंग में अभी समय था। इसलिए वहीँ बैठ इंतजार करने लगा। तभी याद आया कि फ़ोन पर इंटरनेशनल रोमिंग इनकमिंग भी एक्टिवेट करनी थी। एयरटेल कस्टमर केयर फ़ोन कर बात हुई। 149 रुपये के रेंटल पर रोमिंग एक्टिवेट हो गयी। जो भी कॉल करो या इंटरनेट इस्तेमाल करो, उसके पैसे अलग थे।
बोर्डिंग की घोषणा हुई और सब यात्री ऐरोब्रिज से हवाई जहाज की ओर चल पड़े। अपनी सीट पर पहुंचा, बैग ऊपर बने सामान कक्ष में रखा और बैठ गए। बोर्डिंग पूरी होने में भी 30 मिनट लगे। 12:45 तक पुश बैक हो गया। यानि फ्लाइट समय पर ही उड़ेगी। रनवे तक पहुंचे, फ्लाइट ने गति पकड़ी और टेकऑफ हो गया। शुरुआती मामूली झटकों के बाद हवाई जहाज आराम से उड़ने लगा। यह एयरबस 321 एयरक्राफ्ट था और काफी अच्छी स्थिति में था। हालाँकि इन फ्लाइट मनोरंजन के लिए कुछ नहीं था।
थोड़ी देर में खाना परोसा गया। एयर इंडिया में और कुछ हो न हो लेकिन खाना तो बढ़िया ही मिलता है। खाना खा कर मैं लैपटॉप में मूवी देखने लगा। विमान भोपाल, हैदराबाद, चेन्नई के ऊपर से उड़ता हुआ कोलंबो पहुंचा और ठीक 4 बजे लैंड हो गया।
जहाज से निकल टर्मिनल में आये। सामने वीज़ा ऑन अराइवल का काउंटर था और यहाँ काफी भीड़ थी। मैं सीधा इमीग्रेशन की तरफ बढ़ चला। इमिग्रेशन से पास हुए तो ड्यूटी फ्री एरिया आ गया। मुझे यहाँ से कुछ लेना नहीं था। मैं सीधा लगेज बेल्ट पहुंचा और अपने बैग का इंतजार करने लगा। थोड़ी देर में बैग आया।
स्थानीय सिम कार्ड
बैग ले एयरपोर्ट से बाहर आया तो एग्जिट गेट से थोड़ा पहले मनी एक्सचेंज, लोकल सिम कार्ड और प्रीपेड टैक्सी बूथ थे। मुझे एक लोकल सिम चाहिए ही था। यहाँ Mobitel, Dialog और Airtel के ऑप्शन थे।
सीधा Mobitel के काउंटर पर पहुंचा और रेंटल की जानकारी ली। 2 ऑप्शन के कार्ड उपलब्ध थे। पहला 500 LKR में और दूसरा 1000 LKR में। दुसरे ऑप्शन में इंटरनेट डाटा ज्यादा था। मुझे इतना डाटा नहीं चाहिए था इसलिए मैंने 500 वाला सिम ही लिया। काउंटर पर मेरे पासपोर्ट की फोटोकॉपी ली गयी और सिम मेरे मोबाइल में डाल दिया गया। 5 मिनट में ये सिम चालू भी हो गया।
यहाँ डबल सिम मोबाइल का फायदा मिला। मेरा दिल्ली का नंबर और श्रीलंका का नंबर दोनों एक ही फ़ोन में साथ साथ चल रहे थे। वर्ना मुझे 2 मोबाइल लेने पड़ते। वैसे तो मैं दिल्ली नंबर पर कोई इनकमिंग या आउटगोइंग कॉल करने नहीं वाला था, फिर भी फ़ोन चलता रहे तो इनकमिंग कॉल का मालूम रहता है।
श्रीलंका सिम से भारत कॉल करना भी बहुत सस्ता था। शायद सिर्फ 3 LKR प्रति मिनट। इसलिए भारत के नंबर पर आये हर इनकमिंग कॉल को काट, मैंने उन्हें अपने श्रीलंका नंबर से वापस कॉल किया। यह तरीका ज्यादा सस्ता पड़ा।
इसके आलावा होटल और ज्यादातर रेस्टोरेंट्स में वाईफाई की सुविधा भी थी।
एयरपोर्ट टैक्सी
कोलंबो का एयरपोर्ट कोलंबो में न हो कर लगभग 35 किलोमीटर दूर निगोम्बो में है। यहाँ से कोलंबो जाने के लिए एयरपोर्ट से प्रीपेड टैक्सी ले सकते हैं। किराया लगभग 3000 LKR तक आता है। दूसरा ऑप्शन ऊबर टैक्सी का है। मैनें ऊबर App पर देखा तो किराया 2500 LKR था । इसलिए मैंने ऊबर ही बुक कर ली। टैक्सी 5 मिनट में ही एयरपोर्ट के गेट पर आ गयी। सामान रख गाड़ी में बैठा और चल पड़ा होटल ही तरफ। 5 भी बज गए थे।
एक्सप्रेस रोड
निगोम्बो से कोलंबो जाने के लिए एक नया एक्सप्रेस वे बनाया गया है। यह सड़क 4 लेन टोल रोड है और समुद्र तट के साथ साथ बनी है। टोल चार्जेस 300 LKR हैं। रोड बढ़िया है और लगभग 30 किलोमीटर का सफर 15 - 20 मिनट में ही पूरा हो जाता है। दोनों तरफ शानदार नज़ारे दिखते हैं। जहाँ दायीं तरफ समुद्र तो बायीं तरफ घनी हरियाली और नारियल के पेड़ थे।
इस बढ़िया सफर में समय का पता ही नहीं चला और हम टोल रोड पार कर मुख्य कोलंबो शहर में आ गए थे। शाम के समय यहाँ भी भरपूर ट्रैफिक था। गाड़ियाँ बहुत ही धीरे धीरे चल रहीं थीं। हालाँकि जाम जैसी स्थिति नहीं थी। सड़के शानदार और चौड़ी थीं।
अगर एयरपोर्ट से कोलंबो के स्टार्ट पॉइंट तक के 30 किलोमीटर के सफर में 30 मिनट लगे तो यहाँ से होटल पहुँचने के 6 किलोमीटर के सफर में भी 30 ही मिनट लगे थे। ये सब शाम के ट्रैफिक की महिमा थी।
होटल पहुँच गाड़ी से उतरा। टैक्सी की पेमेंट ऑनलाइन हो चुकी थी। देखा तो बिल 2500 ही आया था और इसमें टोल के 300 रुपये भी शामिल थे। यानि ऊबर की यात्रा एयरपोर्ट प्रीपेड टैक्सी से 800 LKR कम में हुई थी।
यहाँ ध्यान देने की बात ये है कि जब मैं एयरपोर्ट से चला तो ड्राइवर ने मुझे पूछा कि क्या एक्सप्रेसवे से चलें। मैंने ये मानकर हाँ बोला कि मुझे टोल के पैसे अलग से देने पड़ेंगे। लेकिन ऊबर में टोल चार्ज लगा कर ही एस्टीमेट बताया गया था।
होटल पहुँच चेक इन किया और रूम में पहुँच कर फ्रेश हुआ। कॉफ़ी पी और शाम के प्रोग्राम के बारे में सोचने लगा।
क्रमशः
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