इस सीरीज के सभी पोस्ट निम्न हैं। पढ़ने के लिए लिंक पर क्लिक करें..
1. जयपुर की सैर: भाग 1...
2. जयपुर की सैर: भाग 2...
3. जयपुर की सैर: भाग 3...
4. जयपुर की सैर: भाग 4...
5. जयपुर की सैर: भाग 5...
तीसरे दिन सुबह सुबह सब जल्दी उठे। आज हमारी दिल्ली वापसी थी। बैग वापस पैक कर लिया गया। सब लोग तैयार हुए और नीचे रेस्टोरेंट में जा कर नाश्ता कर आये। दिन भर के लिए रेंटल वाली टैक्सी भी बुला ली थी। होटल से चेकआउट किया और निकल पड़े। साड़ियों की शॉपिंग कल ही हो चुकी थी। आज बंधेज की सूट खरीदने थे। महेश गौर जी ने जौहरी बाजार जाने की सलाह दी थी। हम लोग जौहरी बाजार जाने से पहले कहीं और भी ट्राई करना चाह रहे थे।
टैक्सी में बैठ कर ड्राइवर को कपड़ों की किसी लोकल मार्किट के बारे में पूछा। वो बोले कि मानसरोवर में कुछ टेक्सटाइल फैक्ट्रियां हैं जिनका एक छोटा सा रिटेल आउटलेट भी होता है। चाहिए तो वहीँ देख सकते हो। मानसरोवर पास ही था। इसलिए उनको वहीँ चलने के लिए बोला। ड्राइवर जी हमें एक टेक्सटाइल फैक्ट्री पर ले गए। ये फैक्ट्री हमारे होटल से कुछ 4 किलोमीटर दूर थी। हम लोग फैक्ट्री के रिटेल आउटलेट में पहुंचे। ये कोई छोटा मोटा नहीं बल्कि बहुत बड़ा शोरूम ही था। कपड़ों की ढेर सारी वैरायटी थी। हमने कुछ कपडे देखे और कीमत पूछी। उन्होंने जो दाम हमें बताया वो जौहरी बाज़ार या बापू बाजार से भी बहुत ज्यादा था। जब मोलभाव करने लगे तो उन्होंने एक दाम कह कर मना कर दिया। इसलिए हम लोग वहाँ से निकल आये।
3. जयपुर की सैर: भाग 3...
4. जयपुर की सैर: भाग 4...
5. जयपुर की सैर: भाग 5...
तीसरे दिन सुबह सुबह सब जल्दी उठे। आज हमारी दिल्ली वापसी थी। बैग वापस पैक कर लिया गया। सब लोग तैयार हुए और नीचे रेस्टोरेंट में जा कर नाश्ता कर आये। दिन भर के लिए रेंटल वाली टैक्सी भी बुला ली थी। होटल से चेकआउट किया और निकल पड़े। साड़ियों की शॉपिंग कल ही हो चुकी थी। आज बंधेज की सूट खरीदने थे। महेश गौर जी ने जौहरी बाजार जाने की सलाह दी थी। हम लोग जौहरी बाजार जाने से पहले कहीं और भी ट्राई करना चाह रहे थे।
टैक्सी में बैठ कर ड्राइवर को कपड़ों की किसी लोकल मार्किट के बारे में पूछा। वो बोले कि मानसरोवर में कुछ टेक्सटाइल फैक्ट्रियां हैं जिनका एक छोटा सा रिटेल आउटलेट भी होता है। चाहिए तो वहीँ देख सकते हो। मानसरोवर पास ही था। इसलिए उनको वहीँ चलने के लिए बोला। ड्राइवर जी हमें एक टेक्सटाइल फैक्ट्री पर ले गए। ये फैक्ट्री हमारे होटल से कुछ 4 किलोमीटर दूर थी। हम लोग फैक्ट्री के रिटेल आउटलेट में पहुंचे। ये कोई छोटा मोटा नहीं बल्कि बहुत बड़ा शोरूम ही था। कपड़ों की ढेर सारी वैरायटी थी। हमने कुछ कपडे देखे और कीमत पूछी। उन्होंने जो दाम हमें बताया वो जौहरी बाज़ार या बापू बाजार से भी बहुत ज्यादा था। जब मोलभाव करने लगे तो उन्होंने एक दाम कह कर मना कर दिया। इसलिए हम लोग वहाँ से निकल आये।